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महाराष्ट्र में 11 हजार कैदियों का पैरोल मंजूर


मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब जेल में कैदियों की संख्या घटाने के मकसद से गुरुवार को राज्य के गृह विभाग ने एक साथ 11000 कैदियों का पैरोल मंजूर किया है. इस बात की जानकारी राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ट्विटर के जरिए दी. उन्होंने कहा कि राज्य भर में 60 जेलों में बंद ऐसे कैदी जिनके अपराध की सजा 7 साल से कम हैं उन्हें पैरोल मंजूर किया गया है. मालूम हो  कि पिछले दिनों ही कोरोना वायरस के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए राज्यों से उन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने को कहा था जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं ।



गरीबों की सहायता में जुटे हैं सुमित चक्रवर्ती


उल्हासनगर, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने वाले उल्हासनगर के युवा नेता और बंगाल टाईगर कहे जाने वाले सुमित चक्रवर्ती जो कि उल्हासनगर की सबसे बड़ी व्यापारिक संस्था उल्हासनगर ट्रेड असोसिएशन (यूटीए) के अध्यक्ष भी हैं, वे अपनी टीम के साथ लगातार गरीबों की सहायता में दिन-रात जुटे हुए हैं. दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इन दिनों समूचे देश में लॉक डाउन के कारण गरीब मजदूरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ये गरीब मजदुर रोज कमाते, रोज खाते हैं लेकिन लॉक डाउन से उनको तकलीफ हो रही है. ना तो उन्हें काम मिल रहा है और ना ही उनको राशन मिल रहा है. जिससे उनके समक्ष भुखमरी की नौबत आ गई है.


 यह सब देखते हुए यूटीए के अध्यक्ष एवं उद्योगपति सुमित चक्रवर्ती, दीपक राजानी एवं उनकी टीम ने उल्हासनगर ३ के गणेश नगर में जाकर करीब २०० गरीब परिवारों के बीच राशन वितरित किया। इस संदर्भ में दीपक राजानी ने बताया कि हमलोग समूचे शहर में ऐसे गरीब परिवारों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जो सही मायने में मुसीबत में हैं.

दुकानदार और पुलिस के बीच हम बने हैं ब्रिज- सुमीत चक्रवर्ती


ईएमआय से राहत दें सरकार

उल्हासनगर, (संतोष झा)। उल्हासनगर की सबसे बड़ी व्यापारिक संस्था उल्हासनगर ट्रेड असोसिएशन (यूटीए) के अध्यक्ष सुमित चक्रवर्ती ने बताया कि यूटीए दुकानदारो और पुलिस के बीच ब्रिज का काम कर रही है. दरअसल हमारे पास दुकानदारों  की  शिकायतें आती है कि हमने अत्यावश्यक सेवा के तहत  जो दुकानें खोली है उसे लेकर पुलिस ज्यादतियां कर रही है. जब हम वहां जाकर देखते हैं तो उक्त दूकान के बाहर भारी भीड़ होने के कारण पुलिस सख्ती बरत रही है जो जरूरी भी है। इसलिए हमने इसका रास्ता ये निकाला है कि दुकानदारों से हमने कहा है कि जबतक स्थिति सामान्य होती है तबतक वे अपने घरों के सदस्यों के सहयोग से ग्राहकों को कतार  में खड़ा करवाएं. श्री चक्रवर्ती ने एक सवाल के जवाब में बताया कि उल्हासनगर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई घर खाली है जिसे प्रशासन अपने हाथ में लेकर वहां आइसोलेशन सेंटर बनाये ताकि जरुरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने शुरुआत में ही सरकार और स्थानीय प्रशासन को सहयोग देना शुरू कर दिया और दुकानों को बंद कराया था। श्री  चक्रवर्ती ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो गुरुवार को राहत पैकेज की घोषणा की है उससे यह उम्मीद जताई जा रही थी कि गरीब व माध्यम वर्ग के लिए लोन हेतु ईएमआय से छूट अथवा सहुलियत देंगी लेकिन एक बार फिर भाजपा सरकार ने हमें निराश किया है। सरकार द्वारा लॉक डाऊन का सभी समर्थन कर रहे हैं लेकिन उसमें कम से कम ईएमआय हेतु सहुलियत भी देने का ऐलान केंद्र अथवा राज्य सरकार को करना चाहिए था। वहीं जो 80 करोड़ बीपीएल धारकों में 2 रुपए गेंहू व 3 रुपए चावल देने का ऐलान किया गया है उसका लाभ आखिर कब लोगों को मिलेगा ? ये फिलहाल समझ  में नहीं आ रहा है ।

माता के मंदिरों में पसरा है सन्नाटा


एक अनजान बीमारी ने आज लोगों को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया है कि लोग अपनी भगवान से भी दूरी बना लिए है. जी हां, कोरोना वायरस के चलते धार्मिक नगरी उल्हासनगर में मंदिरों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां सैकड़ों मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा तथा आश्रम हैं जहां के मुख्य द्वार आम भक्तों के लिए बंद है. लॉक डाउन के चलते नवरात्रि के दूसरे दिन दुर्गा मंदिरों पर भक्तों के नहीं आने से मंदिर सुनसान है. भगवती की आराधना के पर्व वासंती नवरात्र के दूसरे दिन जिन दुर्गा मंदिरों में अपार भीड़ उमड़ती थी वहां आज सन्नाटा पसरा हुआ है. पूरे देश में लॉक डाउन के चलते भक्त दुर्गा मंदिरों के दरवाजे पर ही मत्था टेक कर वापस चले जा रहे हैं. क्योंकि एक अनजान बीमारी ने ऐसा कहर बरपाया है कि लोग अपनी भगवान से भी दूरी बना लिए है. सड़कों पर सन्नाटा है तो इक्का-दुक्का आने जाने वालों की आवाज कभी कभी सुनाई देती है.