भिवंडी : ठाणे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों ने भिवंडी मनपा में कांग्रेस के मनोनीत नगरसेवक सिद्धेश्वर कामूर्ति को एक भवन निर्माण व्यवसायी द्वारा 50 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है| कामूर्ति ने भवन निर्माण व्यवसायी के विरुद्ध मनपा में शिकायत करने के बाद हाईकोर्ट जाने की धमकी देकर दो करोड़ रुपए की मांग किया था| हालांकि एईसी ने कामूर्ति को इससे पहले भी एक भवन निर्माता से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था| एसीबी ने कामूर्ति को ठाणे के विशेष अदालत में गुरूवार को हाजिर किया| अदालत ने उन्हें 20 अक्टूबर तक एसीबी की हिरासत में भेज दिया है|
बतादें कि राजस्व विभाग द्वारा मौजे कामतघर सर्वे क्रमांक 42/ए/3 की 60 गुंठा जमीन किसानों के विकास के लिए भिवंडी ग्रुप विविध कार्यकारी सेवा सहकारी सोसायटी को दी गई थी| उस जगह पर पहले धान मिल का कार्यालय एवं वेयरहाउस सोसाइटी थी। जिसका फायदा तालुका के विभिन्न इलाकों के किसानों को होता था| सोसायटी के सभापति कमलाकर टावरे ने 15 वर्ष पहले ही धान मिल कार्यालय को बंद कर दिया था और उस जगह का इस्तेमाल व्यवसायिक उपयोग के लिए शुरू कर दिया था| उसी दौरान मनपा ने सड़क चौड़ीकरण करने के दौरान वहां सीसी रोड बना दिया था| शहर के पद्मानगर स्थित मुख्य बाज़ार में स्थित उक्त कीमती जमीन पर सोसायटी द्वारा बिना मनपा की अनुमति से 67 दुकानें बनाई गई थी| सड़क चौड़ीकरण में दुकानें प्रभावित हुई हैं का फायदा उठाते हुए सोसायटी ने संपत्ति क्रमांक 171,172,173 एवं 185 पर एक महले की व्यवसायिक इमारत बना दिया| जिसमें 67 दुकानें निकली थी| सोसायटी द्वारा जिसे बेंच दिया गया था| सिद्धेश्वर कामूर्ति ने 20 हजार रुपए वर्गफिट की दर दुकानों के बेंचकर 50 से 60 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था| कामूर्ति सोसायटी द्वारा बनाए गए सभी अनधिकृत दुकानों को तोड़ने की मांग मनपा से करते हुए उच्च न्यायालय में जाने की चेतावनी दिया था| उन्होंने इसकी शिकायत राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात से भी किया था|
कामूर्ति ने निर्माण व्यवसायी राजकुमार चौहान से अनधिकृत निर्माण को बचाने के लिए दो करोड़ रुपए की मांग किया था| उन्होंने निर्माण व्यवसायी से कहा था कि यदि वह दो करोड़ रुपया नहीं दे सकता है तो 50 लाख रुपए और एक फॉर्म हाउस उन्हें देदे| राजकुमार चौहान ने कामूर्ति को 50 लाख रुपए और फॉर्म हाउस देने के बजाय बीजेपी विधायक महेश चौघुले से संपर्क किया| जिन्होंने इसकी जानकारी ठाणे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दे दिया| भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इसकी जांच पड़ताल करने के बाद 13 अक्टूबर की शाम को पद्मानगर भाजी मार्केट में 50 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए सिद्देश्वर कामूर्ति को गिरफ्तार कर लिया| सोसायटी के सभापति कमलाकर टावरे से अधिक जानकारी लेने के लिए संपर्क किया गया| लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी|
कामूर्ति को एईसी ने रिश्वतखोरी के मामले में पहले ही गिरफ्तार किया था| इसके विरुद्ध 18 मामले दर्ज हैं| भ्रष्टाचार के कारण ही ऑटो रिक्शा चलाने वाला 600 करोड़ से अधिक का मालिक बन गया है| इसकी सभी संपत्तियों की जांच की जानी चाहिए| - महेश चौघुले - बीजेपी विधायक - भिवंडी पश्चिम
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