धूमधाम से मनाया गया उल्हासनगर शहर का 72 वां स्थापना दिवस
- आई लव उल्हासनगर, उल्हासनगर ज़िंदाबाद के नारों से गुंजा उमनपा परिसर
उल्हासनगर। उल्हासनगर शहर शायद महाराष्ट्र ही नहीं देश का ऐसा पहला शहर होगा जो अपना जन्मदिन मनाता है. जी हाँ, अभी तक आपने लोगों को अपना जन्मदिन मनाते सुना होगा लेकिन उल्हासनगर शहर देश का एक ऐसा इकलौता शहर है जो पिछले 20 सालों से अपना जन्मदिन धूमधाम और हर्षोलास के माहौल में मनाता आ रहा है. रविवार ८ अगस्त को उल्हासनगर की महापौर, उपमहापौर, विधायक, मनपा उपायुक्त, स्थाई समिति के सभापति, शिक्षण समिती की सभापती, नगरसेवको, मनपा अधिकारियों व कर्मचारियों, सामाजिक-राजनीतिक संगठनों, पत्रकारों और कॉलेज के छात्रों द्वारा मिलकर उल्हासनगर शहर का 72 वां स्थापना दिवस मनाया गया. उल्हासनगर कैम्प 3, मनपा मुख्यालय के पीछे विराट अम्बे स्पोर्ट्स क्लब में रविवार सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक शहर का जन्मदिन मनाया गया. जहां विधायक कुमार आयलानी, महापौर लीलाबाई आशान, उपमहापौर भगवान भालेराव, नगरसेवक महेश सुखरमानी व रोटरी क्लब के सदस्यों तथा उल्हासनगर वासी उपस्थित रहे. इस अवसर पर उल्हासनगर कॉंग्रेस की तरफ से शहर की स्थापना दिवस की खुशी में उपस्थितों को लड्डू बांटे गये. आये हुए सभी गणमान्य अतिथियों ने आते समय फुल हार के साथ साथ 1 रजिस्टर और 1 पेन लेकर आए ताकि बच्चों की शिक्षा दान कार्य भी हो सके. वहां स्थापित शिलालेख को सजावट करके नमन किया गया, फूलमाला अर्पित की गई और उत्साह के साथ उल्हासनगर शहर का स्थापना दिवस मनाया गया. विशेषकर एसएसटी कॉलेज के छात्रों ने जो हर साल सैंकड़ों की तादाद में रैली निकालकर कार्यक्रम स्थल तक आते हैं, उन्होंने आज भी अपनी उपस्थिती दर्ज कराई, और आई लव उल्हासनगर, उल्हासनगर ज़िंदाबाद के नारे लगाए जिससे उमनपा परिसर उल्हासनगर ज़िंदाबाद के नारों से गुंजा।
- उल्हासनगर पर एक नजर
उल्हासनगर शहर की स्थापना 8 अगस्त 1949 में हुई थी. उल्हासनगर की स्थापना का शिलालेख उमनपा कार्यालय के पीछे आज जहां स्विमिंग पुल है, वहां तत्कालीन गवर्नर श्री सी राजगोपालाचारी जी के हाथो रखा गया था. विट्ठलवाड़ी स्टेशन नाम के पहले इस स्टेशन का नाम जेम्स रेल्वे साइडिंग के नाम से जाना जाता था. 1949 में बना उल्हासनगर का सबसे पहला आश्रम स्वामी शांतिप्रकाश आश्रम था. उल्हासनगर में तब से आज तक हर केंप में ओटी सेक्शन कहा जाता है. ओटी शब्द का पुर्णअर्थ ऑफिसर्स टेनामेंट है. उल्हासनगर में उस समय से बना वीटीसी ग्राउंड में वीटीसी शब्द का पुर्णअर्थ वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर है. 1947 में सिंध प्रांत से निर्वासित हो कर आये मराठी समाज की तभी से बनी संस्था का नाम सिंध महाराष्ट्रीय समाज है, जो आज भी मराठा सेक्शन में कार्यरत है.1947 के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिये उल्हासनगर, अंबरनाथ और बदलापुर के 40 स्वतंत्रता सेनानी और शहीदों के नाम का शिलालेख उल्हासनगर में आज भी गोलमैदान के मुख्य द्वार पर स्थापित है. उल्हासनगर में 1947 के पूर्व से ही बना एक मिलीट्री तालाब हुआ करता था, वो इस समय भी उल्हासनगर के कैम्प 3 स्थित रामायण नगर के सामने है, जिसे अभी बन्द कर दिया गया है. उल्हासनगर में ऐसे 5 मिलिट्री तालाब थे. उल्हासनगर में 1947 से लेकर आज तक 71 सालो से अखण्ड एक पवित्र ज्योती प्रज्वलीत हो रही है वो स्थान पुज्य चालिया मंदिर है, जहां पीरघोट (पाकिस्तान) से 71 साल पहले लाई गई ज्योत अखंड प्रज्वलित है. सिंधी समाज द्वारा प्रति वर्ष मनाया जाने वाला पवित्र पर्व चालिया जो चालीस दिन तक मनाया जाता है. सिंधी समुदाय भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद जब भारत में आये तब उल्हासनगर के सिंधी भाई पवित्र ज्योत के साथ कुल 5 धार्मिक य़ादगारे अपने साथ लाये थे, वो अभी पुज्य चालिया मंदिर में रखी हुई है. 1947 में सिंध प्रांत से आये निर्वासितो की संख्या 94000 थी. निर्वासितो के लिये 2126 बैरेक और 1176 मकानों में प्रस्थापित किये गये थे. उल्हासनगर शहर सबसे पहले केंप नम्बर 5 से बसना शुरू हुआ था.
फ़िल्म इंडस्ट्री में नाम कमाने वाली 2 प्रसिद्ध अभिनेत्री बहनें साधना जी और बबिता कपुर जी उल्हासनगर की रहिवासी रह चुकी हैं. मुंबई से सटे ठाणे ज़िला का सबसे बडा टाउन हॉल उल्हासनगर में है उसका नाम शहीद जनरल अरुणकुमार वैद्य सभागृह रखा गया है. उल्हासनगर महानगर पालिका का क्षेत्रफल मात्र 13.04 चौरस किलोमीटर है और 2011 की जनगणना नुसार उल्हासनगर की कुल आबादी 5,06,937 है. उल्हासनगर में भारतीय नौसेना का बेस है जो कैम्प 3 के अशोक अनिल टॉकीज़ के सामने है. सन 1939 से लेकर 1945 के बीच उल्हासनगर शहर जो पहले कल्याण कैम्प के नाम से जाना जाता था, एक मिल्ट्री कैम्प था. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान के सिपाही यहां रहते थे. 1945 में विश्वयुद्ध समापन के बाद यहां से ब्रिटिश आर्मी चली गई और 2 साल से बन्द पड़े जंगल, गले तक की घास, सांप, बिछुओं से भरी इस धरती पर निर्वासितों को बसाया गया. इस शहर के लोगों ने मेहनत मशक्कत करके जंगल को रहने लायक नगर बनाया। 1947 में जो एक जंगल था उसमें आज 2019 में 70 सालों में 250 किलोमीटर की सीमेंट कंक्रीट की सड़कें और गलियां है, 60 प्राइवेट निजी अस्पताल है, 3 सरकारी अस्पताल है, 255 क्लिनिक है, 129 प्राइमरी, 56 सेकंडरी और 9 हाईयर सेकंडरी स्कुल है, साथ ही 19 कॉलेज है, दर्जनों गार्डन है. कम समय में बिना किसी साधन और सरकारी सुविधाओं के अभाव में इतनी तरक्की करने वाला ये देश का एकमात्र शहर है, साथ ही देश का पहला ये शहर है जो अपना जन्मदिन मनाता है. देश की पहली ट्रेन थाने और मुंबई के बीच 1865 मे जब शुरू हुई थी, तब उस ट्रेन के इंजिन के लिए पानी की व्यवस्था जिस वालधुनी नदी द्वारा की गई थी वो नदी उल्हासनगर से होकर ही गुज़रती है. वालधुनी तथा उल्हास ये 2 नदियाँ और विट्ठलवाडी, शहद और उल्हास ये 3 रेलवे स्टेशन इस शहर के भाग्य में है.
उल्हासनगर में डिस्चार्ज हुए ९ मरीज, मिले ११ नए मरीज
- अबतक स्वस्थ हुए २०,४५६, रिकवरी रेट ९६.६६ प्रतिशत
उल्हासनगर। उल्हासनगर महानगरपालिका क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के ११ नए मामले सामने आये हैं. जबकि बेहतर उपचार के चलते हर रोज कई लोग स्वस्थ होकर अपने घर भी जा रहे हैं. मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार रविवार को कोरोना संक्रमण के ११ नए मरीज मिले है। जबकि शनिवार को ८, शुक्रवार को ६, गुरुवार को ६ और बुधवार को १६ मरीज मिले थे. शुक्रवार को ११ नए मरीज मिलने के बाद उल्हासनगर में अब तक कुल २१ हजार १६२ लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं. जिसमें बीते २४ घंटे के अंदर ९ मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर जा चुके हैं और उपचार के पश्चात घर वापस लौटने वालों की कुल संख्या २० हजार ४५६ तक पहुंच गई है. अभी १०९ एक्टिव मरीजों का उपचार विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. इनमें ७ मरीजों का उपचार उल्हासनगर मनपा क्षेत्र के बाहर के अस्पतालों में चल रहा है. इस प्रकार यहां रिकवरी रेट ९६.६६ प्रतिशत पर पहुंच गया है. जबकि बीते २४ घंटे में १ मरीज की मौत के बाद कोरोना की चपेट में आने से अबतक ५९५ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
- कहाँ कितने मिले मरीज
पिछले २४ घंटे में मिले मरीजों का विवरण इस प्रकार है- कैंप एक से मिले १ मरीज, कैंप तीन से मिले ४ मरीज, कैंप चार से मिले ५ मरीज और कैंप पांच से मिले १ मरीज।
केडीएमसी क्षेत्र में डिस्चार्ज हुए ६८ मरीज, मिले ५७ नए मरीज
- संक्रमितों की कुल संख्या १,३९,७२४, एक्टिव मरीज ७५४
कल्याण। कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (केडीएमसी) क्षेत्र में कोरोना का कहर बरकरार है. जबकि बेहतर उपचार के चलते बड़ी संख्या में लोग संक्रमण से ठीक हो रहे हैं. मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार रविवार को केडीएमसी क्षेत्र में ५७ नए मामले सामने आये हैं. जबकि शनिवार को ८९, शुक्रवार को ४८, गुरुवार को ८२ और बुधवार को ६१ नए मामले सामने आये थे. रविवार को ५७ नए मामले आने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या १ लाख ३९ हजार ७२४ हो गई है. जबकि बीते २४ घंटे में १ मरीज की मौत के बाद कोरोना से मृतकों की संख्या २२०२ हो गई है. वर्तमान में ७५४ लोगों का उपचार विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. वहीं बीते २४ घंटे में ४७ मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. इस प्रकार अबतक १ लाख ३६ हजार ३४१ मरीज स्वस्थ होकर अपने घर गए हैं.
- कहाँ मिले कितने मरीज
पिछले २४ घंटे में मिले मरीजों का विवरण क्षेत्र के अनुसार इस प्रकार है- कल्याण पूर्व में ५, कल्याण पश्चिम में २०, डोंबिवली पूर्व में २२, डोंबिवली पश्चिम में ८ तथा मोहना में २ लोग कोरोना संक्रमित पाए गये हैं.
ठाणे में मिले कोरोना संक्रमित ५५ मरीज, डिस्चार्ज हुए ५० मरीज
ठाणे। ठाणे महानगर पालिका क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का कहर कम होता नजर आ रहा है. मनपा के जनसंपर्क विभाग के अनुसार रविवार को ठाणे मनपा क्षेत्र में कोरोना के ५५ नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या १ लाख ३६ हजार १८९ हो गई है और मृतकों की संख्या २०६८ हो गई है. जबकि रविवार तक ५८४ लोगों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है. वहीं बीते २४ घंटे के दौरान ५० लोग उपचार के बाद घर लौटे हैं और इस प्रकार अब तक १ लाख ३३ हजार ५३७ मरीज उपचार के पश्चात अपने घर लौट चुके हैं और यहां रिकवरी रेट बढ़कर ९८.०५ प्रतिशत हो गया है. वहीं मनपा ने अबतक १८ लाख ४७ हजार ७६० लोगों के जांच करवाए हैं.
अंबरनाथ में मिले ४ नए मरीज, अबतक स्वस्थ हुए १९,६२०
अंबरनाथ। अंबरनाथ शहर में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार उतर चढाव देखा जा रहा है. जबकि बेहतर उपचार के चलते रिकवरी रेट ९६.६७ प्रतिशत हो गया है. अंबरनाथ नगरपरिषद के जनसंपर्क विभाग के अनुसार रविवार को कोरोना संक्रमण के ४ पॉजिटिव मामले सामने आये हैं. जिसके बाद यहां संक्रमितों की संख्या २० हजार २९५ हो गया है. उपचार के पश्चात १९ हजार ६२० मरीज स्वस्थ हुए हैं और अभी १३९ लोगों का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है. इस प्रकार यहां रिकवरी रेट ९६.६७ प्रतिशत हो गया है. वहीं कोरोना की चपेट में आने से अबतक ५३६ लोगों की मौत हो चुकी है. बताया गया है कि रविवार तक नपा प्रशासन द्वारा १ लाख ९ हजार १५७ लोगों के एंटीजन तथा स्वेब टेस्ट किये गए हैं.
बदलापुर में १७ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव, डिस्चार्ज हुए १९ मरीज
- स्वस्थ हुए २१,३६५, मरीज, एक्टिव मरीज १७६
बदलापुर। कुलगांव-बदलापुर नगरपरिषद (नपा) क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का कहर कम हो रहा है. हालांकि बेहतर उपचार के चलते रिकवरी रेट ९७.५५ प्रतिशत हो गया है. नपा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि रविवार को १७ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई जिसके बाद यहां कुल संक्रमितों की संख्या २१ हजार ९०१ हो गई है जिसमें अभी १७६ लोगों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. वहीं बीते २४ घंटे में १९ मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. इस प्रकार अबतक उपचार के पश्चात अब तक २१ हजार ३६५ मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. यानि रिकवरी रेट ९७.५७ प्रतिशत है. जबकि कोरोना से अबतक ३६० लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस बीच शहर में १११ लोग होम कवारंटीन में हैं. वहीं नपा ने रविवार तक ६६ हजार ५४६ लोगों के एंटीजन और स्वेब टेस्ट कराए हैं.
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