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'तेजस्विनी’ टिकट चेकिंग स्कॉड बनी मुंबई मंडल की शान

 

‘तेजस्विनी’ टिकट चेकिंग स्कॉड बनी मुंबई मंडल की शान

मुंबई। मध्य रेल के मुंबई मंडल द्वारा 17 अगस्त, 2001 को लेडीज टिकट चेकिंग स्क्वाड ‘तेजस्विनी’ का गठन किया गया, ताकि विशेष रूप से महिलाओं के डिब्बों में टिकट चेकिंग और अवैध यात्रा करने वालों का पता लगाकर उनसे दण्ड वसूला जाये. इस विशेष लेडीज स्क्वाड में विभिन्न स्टेशनों के लेडीज टीसी स्टाफ को शामिल किया गया है। 

मध्य रेलवे के जनसंपर्क विभाग के अनुसार ‘तेजस्विनी’ दस्तों का गठन महिला टीटीई को बढ़ावा देना है ताकि महिला यात्रियों को किसी तरह की समस्या ना होने पाये. वहीं दूसरी ओर ‘तेजस्विनी’ दस्ते की महिला कर्मियों ने भी अपनी काबलियत को सिद्ध करते हुए रिकॉर्ड जुर्माना वसूली की है. वित्तीय वर्ष 2019-2020 के दौरान तेजस्विनी दस्तों के उम्दा प्रदर्शन से जुर्माने के रूप में 24.69 प्रतिशत का सुधार हुआ यानी रेलवे को 3.43 करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में अधिक मिले. जबकि पिछले वित्त वर्ष में 2.75 करोड़ रुपये की जुर्माना वसूली हुई थी. पिछले वर्ष की तुलना में जुर्मान के मामलों में 5.97 प्रतिशत (पिछले वित्त वर्ष में 1.17 लाख के मुकाबले 1.24 लाख) बढ़ोतरी हुई और सितंबर से नवंबर 2020 के दौरान तेजस्विनी दस्तों ने 5,119 मामले पकड़े जिनसे 13,18,991 रूपये जुर्माने के रूप में वसूल किए। 

जनसंपर्क विभाग के अनुसार नब्बे के दशक के उत्तरार्ध में, टिकट चेकिंग के क्षेत्र में लेडीज स्टाफ को ड्यूटी करते देखना एक बहुत ही दुर्लभ दृश्य था. भारतीय रेलवे द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में कदम उठाने के बाद, यह परिदृश्य बदल गया है और महिला टीसी को टिकट चेकिंग श्रेणी में भी महत्वपूर्ण जवाबदारी सौंपी गयी और उन्हें मुंबई मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर तैनात किया गया। उपनगरीय ट्रेनों में टिकट चेकिंग कर्तव्यों का पालन करना, पुरुष टिकट चेकर्स के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन ‘तेजस्विनी’ के रूप में प्रशासन के इस कदम से प्रभावशाली परिणाम सामने आए, क्योंकि तेजस्विनी स्क्वाड ने टिकट यात्रियों की पहचान करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे जुर्माने के रूप रेलवे को अच्छी आय हुई हुई है। इसके अलावा, हॉकर्स और भिखारियों आदि की समस्या भी लोकल ट्रेनों के लेडीज डिब्बों में काफी हद तक कम हुई है। जनसंपर्क विभाग के अनुसार स्पोर्ट्स बैकग्राउंड वाली कई महिला टिकट चेकिंग स्टाफ तेजस्विनी स्पेशल स्क्वाड का हिस्सा हैं और दोनों पेशेवर कर्तव्यों के साथ-साथ खेल में भी उत्कृष्टता का प्रदर्शन कर वे रेलवे का नाम रोशन कर रही है। तेजस्विनी दस्तों के काम को विभिन्न अवसरों पर मान्यता दी गई थी. वर्तमान कोविड महामारी के दौरान, लेडी टीसी भी आगे आई और नोवल कोरोनवायरस (कोविड-19) के खिलाफ भारतीय रेलवे की सामूहिक लड़ाई का हिस्सा बनी।

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