छठ पर्व पर मनाही से छठव्रतियों में रोष
कल्याण (नि.सं.)। कोरोना के प्रतिबंध को लेकर महाराष्ट्र सरकार तथा स्थानीय केडीएमसी प्रशासन द्वारा तालाबों पर अर्घ्य देने की मनाही के चलते छठ व्रतियों में काफी रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि इस तरह के प्रतिबंध लगाकर सरकार उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है यह सभी जानते हैं कि कोरोना कितना घातक है और सभी इससे सुरक्षित रहने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे है यदि अनुमति होती तो सभी सुरक्षा के मानकों को मानते हुए इस पर्व को मना सकते थे।
पाठकांे को बताते चलें कि ‘वूमेन पावरमेंट’ नामक सामाजिक संस्था की अध्यक्षा ऋतु झा ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि जब दीवाली, दशहरा मनाए जा सकते हैं, मंदिरों को खोला जा सकता है तो सुरक्षा की गाइडलाइंस के साथ छठ पर्व को मनाने की भी अनुमति दी जानी चाहिए, परन्तु एसा नहीं करके सरकार ने छठ व्रतियों की भावना को आहत किया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि छठ व्रत रखने वाली महिलाएं घर में ही इस पर्व को पूरी आस्था के साथ मनाएं। वहीं हर वर्ष नांदिवली तालाब पर छठ पूजा का आयोजन करने वाले आदर्श छठ मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम दुलारे यादव ने छठ व्रतियों से आह्वाहन किया है कि सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और यह स्पष्ट किया कि मंडल द्वारा कोई भी आयोजन इस वर्ष नही किया जा रहा है। हालांकि यादव द्वारा इस संबंध में काफी कोशिश की गई कि नियमों का पालन करते हुए इस पर्व को मनाने दिया जाए, लेकिन सरकारी फरमान के आगे कोई भी विभाग ढिलाई देने के पक्ष में नही है।
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