मुंबई। महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम (एसटी) जो वर्षों से भारी आर्थिक नुकसान में चल रही है अब वो कोरोनाकाल के जाल में फंसी है. लॉकडाउन के पहले रोजाना एसटी की आय लगभग 22-23 करोड़ रुपए थी. जो कोरोना के संकटकाल में बंद हो गई है. खबर है कि पिछले 6 माह में एसटी का 3600 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. आलम यह है कि अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए एसटी के पास पैसे नहीं हैं. एसटी के लगभग 98 हजार कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. अगस्त में राज्य सरकार ने एसटी कर्मचारियों के बकाया वेतन व अन्य खर्च के लिए 500 करोड़ रुपए की मदद घोषित दी थी. मनसे एसटी कामगार सेना के अध्यक्ष हरी माली ने कहा कि एसटी महामंडल को संकट से उबारने के लिए 5 हजार करोड़ के पैकेज की आवश्यकता है. राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य लोगों के लिए किराए पर रियायत के लिए एसटी को सालाना 1,800 करोड़ रुपये का भुगतान करती रही है. यदि यह राशि भी सरकार तत्काल देती है तो कुछ राहत मिल जाएगी. लॉकडाउन के पहले लगभग 16,000 एसटी बसें चलती थीं, जिनसे रोजाना 68 से 70 लाख लोग यात्रा करते थे, इस समय इनकी संख्या मात्र 10 से 12 लाख हो गई है. इससे राजस्व घाटा बढ़ कर 5500 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.
कोरोनाकाल के जाल में फंसी एसटी, 3600 करोड़ से ज्यादा नुकसान
dhanushdhari
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सितंबर 18, 2020
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