बचपन के दोस्त पर हत्या करने का आरोप
कल्याण (नि.स)। कल्याण रेलवे स्टेशन के पास नीलम गली इलाके में शुक्रवार रात मटका किंग मुन्ना उर्फ जिग्नेश ठक्कर पर अज्ञात लोगों ने फायरिंग की. इस फायरिंग में दिनेश ठक्कर की मौके पर ही मौत हो गई. जिग्नेश पर गोली चलाने वाले शूटर वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गए जिन्हें पुलिस तलाश कर रही है. मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात हुई इस फायरिंग में मटका किंग जिग्नेश ठक्कर को 4 गोलियां लगी. घटना की जानकारी मिलते ही कल्याण की महात्मा फुले पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस और जिग्नेश को तत्काल कल्याण के फोर्टिस हॉस्पिटल में भिजवाया. हालांकि अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने जिग्नेश को मृत घोषित कर दिया. गौरतलब हो कि जिग्नेश ठक्कर की पहचान मटका किंग के रूप में है जिसका कल्याण, उल्हासनगर और ठाणे के कई इलाकों में मटका (जुआ) और रमी क्लब चलता है. सूत्रों के मुताबिक क्रिकेट मैच पर सट्टा लगवाने में भी जिग्नेश ठक्कर आगे रहता था. महात्मा फुले पुलिस के अनुसार घटना के दौरान जिग्नेश कल्याण रेलवे स्टेशन के नजदीक अपने ऑफिस के बाहर बैठा हुआ था. शुक्रवार की रात अपने ऑफिस से घर जाने के लिए निकलते वक्त जिग्नेश पर ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. पहले से ही घात लगाकर बैठे हुए शूटर ने जिग्नेश ठक्कर पर कई राउंड गोलियां चलाई और जिग्नेश ठक्कर की मौके पर ही मौत हो गई. फायरिंग के बाद शूटर घटनास्थल से फरार हो गया. पुलिस टीम जांच में जुट गई है और अलग-अलग टीमों को बनाकर शूटर्स की पहचान और तलाश की जा रही है. पुलिस के मुताबिक शूटर, 2 से 3 की संख्या में हो सकते हैं. सूत्रों की माने तो प्राथमिक जांच में ये बात सामने आई है कि जिग्नेश और नन्नू शाह बचपन के दोस्त हैं. शाह के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन चोरी आदि के १५ से २० मामले विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज हैं. इसी प्रकार जिग्नेश के खिलाफ भी हफ्ता वसूली, जबरन चोरी जैसे ५ गंभीर मामले पुलिस थानों में दर्ज हैं. एक हफ्ता वसूली मामले में जिग्नेश और नन्नू शाह सह आरोपी भी हैं. २९ जुलाई को नन्नू शाह के मित्र चेतन पटेल और जिग्नेश के बीच गाली गलोच तथा मारपीट हुई थी. पटेल ने इसकी शिकायत बाजारपेठ पुलिस थाना में किया था. इसके आधार पर पुलिस ने जिग्नेश तथा उसके साथ सऊद अकरम शेख, मनीष श्यामजी चव्हाण के खिलाफ एनसी दर्ज की थी. जिग्नेश ने भी चेतन पटेल के खिलाफ शिकायत की थी और पुलिस ने पटेल के खिलाफ भी एनसी दर्ज की थी. इस घटना का गुस्सा नन्नू शाह को था. इसके अलावा नन्नू और जिग्नेश के बीच पैसों का भी विवाद था. इन सब वजहों से नन्नू शाह ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर जिग्नेश की गोली मरकर हत्या कर दी.
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