बादलों को आज रोने दो!
बाढ आ भी जाए तो आने दो!!
सारे गिले शिकवे,
बह जाने दो,
बुला रहा है संमुदर
नदियों को दौडने दो!!
बादलों को आज रोने दो!
बाढ आ भी जाए तो आने दो!!
होती है उनको भी,
तकलीफ...
बेवजहा नहीं गरजते
गिरते है आंखो से आसूं
उसे बारिश हमें कहने दो,
बादलों को आज रोने दो!
बाढ आ भी जाए तो आने दो!!
खफा आज है वो किसपे,
क्यों गिरता ही जा रहा है....
लापरवाह हो गये हम सब
सजा उसको आज सुनाने दो, ...
बादलों को आज रोने दो!
बाढ आ भी जाए तो आने दो!!
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