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उल्हासनगर में कोरोना के मिले ५४ पॉजिटिव मरीज , स्वस्थ हुए १३५ मरीज


-आंकड़ा ६७९५, अबतक स्वस्थ हुए ५३९६ मरीज, एक्टिव मरीज १२६८                   

उल्हासनगर। उल्हासनगर में कोरोना के आंकड़ों में उतार चढाव बरकरार है. शुक्रवार को ५४ नए मामले सामने आये हैं. इससे पहले मंगलवार को ५०, बुधवार को ८५, गुरुवार को ६८ मामले आये थे. हालांकि ये राहत वाली खबर है कि मनपा के प्रयासों से अब कोरोना के मरीजों की संख्या में भारी कमी देखी जा रही है.  अब  मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार बीते २४ घंटे के दौरान ५४ नए मरीज मिले हैं. उधर बीते २४ घंटे के दौरान ३ मरीजों की मौत हो गई. इसके साथ ही मरने वालों की संख्या १३१ हो गई है. इस प्रकार अब तक उल्हासनगर में कुल ६७९५ लोग संक्रमित हो गये हैं. जिनमें ५३९६ लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं और अभी १२६८ लोग विभिन्न अस्पतालों में अपना उपचार करवा रहे हैं. लोगों के लिए राहत की बात यह है कि हर रोज १०० से अधिक मरीज बेहतर उपचार से स्वस्थ भी हो रहे हैं. बीते २४ घंटे के अंदर सर्वाधिक १३५ मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर जा चुके हैं. उपचार के पश्चात घर वापस लौटने वालों की कुल संख्या ५३९६ तक पहुंच गई है. इस प्रकार १२६८ एक्टिव मरीजों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है. शुक्रवार को जो ५४ नए मरीज मिले हैं उनका विवरण इस प्रकार है- कैंप एक से मिले कुल ७ मरीज, कैंप दो से मिले कुल ४ मरीज, कैंप तीन से मिले कुल ९ मरीज, कैंप चार से मिले कुल २४ मरीज और कैंप पांच से मिले कुल ९ मरीज.
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महाराष्ट्र पुलिस में काम करने वाले जुड़वां भाइयों की 10 दिनों के अंदर कोरोना से मौत

29 साल से कर रहे थे नौकरी



उल्हासनगर। महाराष्ट्र में भले ही कोरोना वायरस के मामलों में थोड़ी कमी आ रही हो लेकिन अब भी कई पुलिसकर्मी इस खतरनाक वायरस के शिकार हो रहे हैं. १० दिनों के अंदर उल्हासनगर तथा अंबरनाथ में दो पुलिस कॉन्स्टेबल की मौत हो गई. दुखद बात ये है ये दोनों जुड़वां भाई थे. दोनों भाइयों की मौत 10 दिनों के अंदर हो गई.अब इसे संयोग ही कहा जाएगा कि साथ में जन्म लेने वाले जुड़वा भाई एक साथ पुलिस की ट्रेनिंग ली थी, एक ही दिन पुलिस में भर्ती हुए थे और बचपन से साथ रहने वाले इन दोनों भाइयों की मौत भी १० दिनों के अंदर हुई. मिली जानकारी के अनुसार दोनों भाई महाराष्ट्र पुलिस में साल 1991 में शामिल हुए थे. उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस थाना में कार्यरत 56 साल के दिलीप रामचंद्र घोड़के की 20 जुलाई को मौत हुई थी. जबकि गुरुवार को दूसरे भाई जयसिंह रामचंद्र घोड़के जो अंबरनाथ पुलिस थाना में कार्यरत थे, उन्होंने भी दम तोड़ दिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार 'दोनों भाई महामारी के दौरान लगातार ड्यूटी करते रहे. इसी दौरान ये दोनों कोरोना से संक्रमित हो गए थे.' दिलीप के मरने के दो दिन बाद जयसिंह घोड़के का भी कोरोना टेस्ट किया गया. उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई. लेकिन दो दिन बाद ही उन्हें बुखार हो गया और उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी. बाद में 28 जुलाई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. फिर उन्हें डोंबिवली के सांवलाराम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के कोरोना केयर सेंटर में ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद उन्हें 29 जुलाई को ममता अस्पताल भेज दिया गया क्योंकि उनकी हालत ठीक नहीं थी. लेकिन गुरुवार सुबह 6.30 बजे के करीब उनकी मौत हो गई.' दोनों पुलिसकर्मियों की मौत से पुलिस महकमें में शोक छाया हुआ है. गौरतलब हो कि राज्य में अब तक कुल 8722 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों में से 6670 को उपचार के बाद अस्पताल से घर भेजा जा चुका है. वहीं 150 अधिकारियों सहित 1,213 पुलिसकर्मियों का अलग-अलग अस्पतालों में अभी भी इलाज चल रहा है. जबकि अब तक कुल 100 कर्मियों की मौत हो चुकी है.
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