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उल्हासनगर को कोरोना मुक्त करने हेतु नगरसेवकों को लेनी होगी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी




उल्हासनगर. मार्च महीने में उल्हासनगर में कोरोना संक्रमण का एक मामला सामने आया था जिसके बाद मनपा प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर अप्रेल के तीसरे हफ्ते तक कोरोना के संक्रमण को रोके रखा लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही के चलते कोरोना ने एक बार फिर शहर में एंट्री मारी और आज कोरोना ने अपनी जड़ें इस कदर जमा ली है कि तमाम उपाय योजना के बावजूद कोरोना संक्रमण की चेन टूट नहीं रहा है. शहर में लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या, अस्पतालों की दयनीय हालत, कम पड़ रहे बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे लोगों और श्मशान भूमि में शवों को जलाने के लिए मृतकों के परिजनों को जो लंबी जद्दोजहद करनी पड़ रही है उससे हर किसी का मन निराश हो चला है. कुल मिलकर उल्हासनगर की स्थिति आज जो भयावह हो चली है उसको देखते हुए दैनिक धनुषधारी शहर के चुने हुए जनप्रतिनिधियों से ये अपील करती है कि अपने राजनीतिक मतभेद भूलकर एकजुटता के साथ शहर को कोरोना मुक्त करने में अपना योगदान दें. आज जरुरत है सभी नगरसेवकों को अपने-अपने वार्डों-पैनलों पर पर प्रभावी तरीके से नजर रखने की और अपने वार्ड के अंदर में बने समाज हॉल में कोरोना के लक्षण वाले पेशेंट को रखने की ताकि इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. दरअसल जो ख़बरें लगातार सामने आ रही है उसके मुताबिक वर्तमान हालत ये है कि कोरोना की जो टेस्ट की जा रही है वो पेशेंट के हिसाब से कम है. जिनका टेस्ट नहीं हो पता है वे इधर उधर घूमते हैं जिससे कोरोना संक्रमण बड़ी तेजी से फ़ैल रहा है. इसलिए ऐसे लोगों पर नगरसेवकों को नजर रखने की जरुरत है. जिनको सर्दी-खांसी या बुखार है और उनका कोविड टेस्ट होने में समय लग रहा है उन्हें वार्ड के अंदर बने समाज हॉल में रखें ताकि वे इधर-उधर ना घूमें जिससे संक्रमण के फैलने का खतरा हो. दैनिक धनुषधारी का ये मानना है कि मानवता के नाते आज नगरसेवकों का ये परम धर्म है कि वे छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देंगे तो निश्चित रूप से अपना उल्हासनगर शहर कोरोना मुक्त शहर हो जायेगा. इसलिए समय भी यही कह रहा है कि नगरसेवकों को ये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेनी होगी. आज लोगों को वे राहत दिलवाएंगे तो निश्चित रूप से लोग भी चुनाव के वक्त उन्हें याद रखेंगे.
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