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कारगिल युद्ध मे अपने पैर गंवाकर भारत मां की रक्षा करने वाले उल्हासनगर के सुपुत्र मेजर तानाजी ज्ञानदेव पवार से खास बातचीत


कारगिल विजय दिवस स्पेशल



उल्हासनगर (शशिकांत दायमा / कृष्णा लालवानी) :आज पुरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है,1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच 60 दिनों तक चले युद्ध मे अनेक भारतीय सैनिक मां के लाल विरसपुत शहीद हुये और कई घायल भी हुये परंतु यह निश्चित कर गए कि जीत भारत की हो.

26 जुलाई के दिन देश मे विजय उत्सव मनाया जाता है ऐसे एक उल्हासनगर का भी एक जवान सैनिक कारगिल युध्द में शरीक था. दुश्मनों की सेना से लड़ते हुये अपना एक पैर गंवा बैठा, परंतु उसने हार ना मानी और भारत मां की जीत निश्चित की. उस वीर सैनिक का नाम है मेजर तानाजी ज्ञानदेव पवार  जोकि स्पेशल फ़ोर्स में सैकंड पैरा कमांडो के सदस्य थे.

कारगिल विजय दिवस के दिन धनुषधारी से खास बातचीत में पूर्व मेजर तानाजी पवार ने  बताया कि वे कारगिल युद्ध के दरमियान पाकिस्तान द्वारा बनाए गए एक विशेष बोम के चपेट में आगये जिससे उन्होंने अपना एक पैर गवा दिया पर तब भी उन्होंने जमकर युद्ध  किया और अपने साथियों के साथ मिलकर भारत को विजय बनाया. अपना पैर गवाने के बाद वे कुछ वर्षों तक बेड रेस्ट पे थे. सन 2008 में वे  महाराष्ट गवर्नमेंट दफ्तर  में कार्यरित हुए. आज वे उल्हासनगर तहसिलदार दफ्तर में अपनी सेवाएं दे रहे है.

ऐसे मां के लाल उल्हासनगर के सुपुत्र मेजर तानाजी ज्ञानदेव पवार को सभी देशवासी, महाराष्ट्र वासी , उल्हासनगर वासीयों तथा धनुषधारी परिवार की तरफ से सलाम.
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