कहीं पेड़ उखड़े तो बत्ती हुई गुल
उल्हासनगर। निसर्ग तूफ़ान के कहर के कारण तेज़ चली आंधी तूफान के चलते उल्हासनगर में कई जगहों पर पेड़ गिरने और बारिश होने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया. साथ ही कई जगहों पर बिजली के ट्रांसफार्मर फटने और वायर्स खराब होने की वजह से मंगलवार रात से बुधवार शाम तक उल्हासनगर में कई जगहों पर बिजली सेवा खंडित होने के कारण नागरिको को अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ा है. खासकर बुजुर्गों और बच्चों का 7-8 मंज़िला इमारतों की लिफ्ट बन्द होने के कारण अपंग अथवा बिमार नागरिको को तकलीफ उठानी पड़ी. वहीं पीने का पानी वितरण नहीं होने से लाखो नागरिको को पानी नहीं मिल पाया। उधर बिजली बंद होने से घर और दुकानों के फ्रिज में रखे खाद सामग्री खराब हुए हैं.
कहाँ- कहाँ उखड़े पेड़, पत्रे
तेज हवा के चलते उल्हासनगर में कई जगहों पर पेड़ गिरने की खबर आई जिसमें उल्हासनगर कैम्प 2 के शास्त्रीनगर में एक पेड़ गिरकर बिजली के खम्भे पे टिक गया, उल्हासनगर कैम्प 5 के निजधाम आश्रम के पास एक पेड़ गिरने की ख़बर प्राप्त हुई, उल्हासनगर कैम्प 4 मोरया नगरी धर्माजी पैलेस अपार्टमेंट के पास एक पेड़ गिरने की ख़बर, उल्हासनगर कैम्प 2 स्थित नाना नानी गार्डन के पास भी एक पेड़ गिरा, कैंप ३, राजू सोसायटी के पास एक बड़ा पेड़ उखड़ गया. वहीं उल्हासनगर कैम्प 2 चोपड़ा कोर्ट के सामने लाइफ जिम के टेरेस के पत्रे तेज़ हवा आंधी में उड़ गए. हालांकि मनपा के राहत व बचाव दल ने सभी पेड़ों को हटाकर रास्ता साफ़ कर दिया.
वालधुनी नदी में जलपर्णी
अंबरनाथ से शुरू हुई उल्हास स्टेशन से होकर बहने वाली वालधुनी नदी में अंबरनाथ से बड़ी मात्रा में गौशाला पुल के पास जलपर्णी बहकर आने से पुल पर पानी जमा हो गया और नदी किनारे सारी जलपर्णी जमा हो जाने से स्थानीय नागरिकों में हड़कंप मच गया. बहरहाल उमनपा द्वारा बरसात पूर्व वालधुनी नदी की सफाई चल ही रही थी इसमे अब ये जलपर्णी बहकर आने से प्रशासन का काम और बढ़ गया है।
महाराष्ट्र में निसर्ग तूफान ने मचाई तबाही, जन हानि की खबर नहीं
मुंबई। बुधवार दोपहर 1 बजे चक्रवात निसर्ग महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में 120 किलोमीटर प्रति घंटा की हवाओं की रफ्तार के साथ समंदर तट से जा टकराया. चक्रवात निसर्ग तूफान की आहट से समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगीं और तेज हवाओं की वजह से पेड़ उखड़ने लगे. कई जगहों पर बिजली के खंभे जमीन पर आ गिरे. चक्रवात निसर्ग के असर से मुंबई में भी कई स्थानों पर पेड़ गिरे और नवी मुंबई में तो एक बस स्टॉप धराशायी हो गया. समाचार लिखे जाने तक मुंबई के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही थी. तेज हवाओं के चलते मरीन लाइन्स समेत कई इलाकों में पेड़ गिरने से वाहनों को नुकसान हुआ. सड़कें जाम हो गई. हालांकि कहा जा रहा है कि मुंबई में आने वाला चक्रवात 50 किलोमीटर दक्षिण में चला चला गया. इससे मुंबई पर इसका खतरा कम हुआ है. आपको बता दें कि मुंबई को 100 सालों बाद इस तरह के तूफान का सामना करना पड़ा. तूफ़ान की तबाही से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 21 टीमों को तैनात किया गया था. इस तूफ़ान का ज्यादा असर मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और रत्नागिरी में देखा गया. कई जगहों पर तेज हवाओं के चलते मकानों के छत हवा में उड़ गए. वहीं बारिश और तेज हवाएं चलने से मुंबई पुलिस ने बांद्रा-वर्ली समुद्री लिंक पर वाहनों की आवाजाही रोक दी. इंट्री और एग्जिट दोनों पॉइंट पर पुलिसर्मियों ने बेरिकेटिंग कर दी थी, ताकि किसी भी वाहन के प्रवेश से रोका जा सके. तूफान की वजह से मुंबई के समुन्द्र में भी काफी तेज उंची लहरें उठीं. वहीं एनडीआरएफ के डीजी ने लोगों को सलाह दी कि वे कम से कम छह या सात घंटे बाहर न निकलें. उधर मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय टर्मिनस पर विमानों की लैंडिंग या टेकऑफ को बुधवार शाम ७ बजे तक के लिए रोक दिया गया. बहरहाल चक्रवात निसर्ग से फिलहाल किसी तरह की जन हानि की खबर नहीं है. जो नुकसान हुआ है वो घरों की टिन की छत टूटने या पेड़ गिरने से गाड़ियों को नुकसान होने की खबरें हैं.
मुंबई में कई जगहों पर पेड़ उखड़े
निसर्ग तूफान की वजह से मुंबई स्थित विधान भवन परिसर के अंदर भी 4 पेड़ उखड़ गए. इसके अलावा ब्रेबोन स्टेडियम इलाके में भी कई वाहनों पर पेड़ गिर गए, जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. मरीन लाइंस इलाके में भी एक विशाल पेड़ सड़क के बीच में गिर गया. जिससे काफी समय तक उस रास्ते पर आवाजाही बंद रही. कालाचौकी इलाके में एक पेड़ टैक्सी पर गिर गया, जिससे वाहन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं सायन इलाके में भी पेड़ गिरने की खबर है.
कोंकण में तबाही का मंजर
कोंकण तट पर बसे रत्नागिरी में तबाही का मंजर ज्यादा दिखाई दिया. जहां टिन शेड और छतें चादर की तरह उड़ गईं. तूफान के टकराने के बाद यहां हवाएं 100 किमी से भी तेज गति से चली. जिसके कारण कई घरों की छतों को नुकसान पहुंचा और बिजली के खंभे उखड़ गए. सोशल मीडिया पर तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश के वीडियो वायरल हो रहे हैं. इस बीच एक वीडियो में तूफान की तेज रफ्तार के कारण एक मकान की छत उड़ती नजर आ रही है. हालांकि, मकान की छत टीन से बनी हुई थी. उधर पालघर के अलीबाग इलाके में चक्रवात के बाद जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया. वहीं कई बड़े पेड़ जड़ समेत उखड़ गए. जबकि तेज हवा और बारिश के चलते रायगढ़ जिले में कई जगहों पर मोबाइल नेटवर्क सेवा प्रभावित हुई है.
करीब 110 किमी/घंटा की रफ्तार से चली हवा
निसर्ग' चक्रवात बुधवार दोपहर महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्री तट से टकराया और इस दौरान हवा की गति 100-110 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जो कि 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक जा सकती है. समुद्र में लगातार ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही थी। मुंबई एवं इसके आस-पास के शहरों में भी तेज हवाओं का असर दिखा जब कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए और तो कहीं बिजली के तार टूट गए. वहीं कुछ जगह मकान की टीन की छत उड़ गई.
- लहरें इतनी ऊंची कि जहाज भी हिलने लगा
मुंबई में समुद्र में तैनात जहाजों पर भी चक्रवात निसर्ग का असर दिख रहा था. समुद्र में उठ रही लहरें इतनी ऊंची थी कि जहाज भी हिल रहे थे. एहतियातन प्रशासन ने समुद्र के पास से सभी लोगों को हटा दिया.
महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 21 टीमें
एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत कार्य में जुटी हैं. एनडीआरएफ के डीजी एस एन प्रधान ने कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात में निसर्ग चक्रवात के मद्देनजर एनडीआरएफ की 43 टीमें तैनात की गई हैं. इनमें से एनडीआरएफ की 21 टीमें महाराष्ट्र में चक्रवात प्रभावित इलाकों में तैनात हैं. चक्रवात के मद्देनजर एक लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है.
मुुंबई हवाई अड्डे पर फिसला एकमालवाहक विमान, परिचालन स्थगित
मुंबई। चक्रवाती तूफान निसर्ग के चलते मुंबई में तेज हवा के साथ हुई भारिबरीश के बीच बेंगलुरु से आ रहा फेडेक्स का मालवाहक विमान मुंबई हवाई अड्डे पर उतरते वक्त रनवे पर फिसल गया. हालांकि इसमें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ. जिसके बाद मुंबई एयरपोर्ट पर बुधवार शाम 7 बजे तक परिचालन बंद कर दिया गया. मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि इस घटना के बाद विमान को हटा दिया गया. बयान में कहा गया है कि छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक विमान रनवे पर फिसल गया. यह बेंगलुरु से आने वाली फेडेक्स फ्लाइट 5033 थी. यह घटना तब हुई जब एमडी11 विमान रनवे पर उतरा. विमान को रनवे से हटा दिया गया, इससे उड़ानों के संचालन में कोई व्यवधान नहीं आया. जिसके बाद ये फैसला लिया गया कि एयरपोर्ट पर किसी भी विमान का आगमन और प्रस्थान दोपहर 2.30 बजे से शाम 7 बजे के बीच नहीं होगा.
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