कोरोना कहर की गिरफ्त में आया उल्हासनगर
लोकडाउन उल्लंघन से बढ़ रहा है खतरा
उल्हासनगर (ललित लालवानी)। आश्चर्य और दुःख की बात है कि लोकडाउन शुरू होने के समय से लेकर काफी दिनों तक उल्हासनगर के लोगों ने संयम का परिचय देते हुए इसका पूरी सख्ती और ईमानदारी से पालन किया, यही कारण था कि उल्हासनगर काफी दिनों तक कोरोना मुक्त शहर बना रहा और वो भी तब जब कल्याण-डोंबिवली, अंबरनाथ, बदलापुर, भिवंडी जैसे आस-पड़ौस के शहरों में कोरोना के रोजाना दर्जनों मरीज आ रहे थे. परन्तु उल्हासनगर यह स्थिति अधिक दिनों तक बरकरार नहीं रख पाया और कोरोना को लेकर आज जो शहर की स्थिति बन रही है उसने डॉक्टरों, मनपा प्रशासन और पुलिस विभाग के होंश उड़ा दिये है। उल्हासनगर के लिए हमेशा अशुभ रहे मंगलवार को एक बार फिर शहर के लिए चिंता की खबर है, मंगलवार को 20 नये कोरोना मरीजों के मिलने के साथ ही पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा करीबन 69 को छू गया है और जिस रफ्तार से उल्हासनगर में कोरोना पेशेन्ट बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए अब डॉक्टरों के हाथ-पांव भी फूलने लगे हैं, जबकि अस्पतालों में जगह कम पड़नी शुरू हो गयी है. बावजूद इसके लोगों में कोरोना को लेकर कोई डर नहीं और वे लोकडाउन का उल्लंघन कर इस जानलेवा महामारी को आमंत्रित कर रहे हैं।
उल्हासनगर में मंगलवार का दिन एक बार फिर अशुभ साबित हुआ, मंगलवार को 101 संदिग्ध लोगों की रिपोर्ट आयी जिसमें से 18 लोग पॉजिटिव निकले हैं. सूत्रों के अनुसार इन 18 पॉजिटिव मरीजों में से ब्रम्हानंद पाड़ा, सम्राट अशोक नगर तथा कैंप-1 में मिले मरीजों के रिश्तेदार हैं जो संक्रमण से कोरोना के शिकार हुए है, जबकि दो मरीज निजी अस्पतालों से 2 मरीज मिले हैं इसके साथ कुल 20 कोरोना के नये मरीज मंगलवार को मिले हैं। सूत्रों के अनुसार गोल मैदान कैंप-1 परिसर से मिले कोरोना मरीज की मां, पत्नी और बेटी समेत पूरा घर कोरोना पॉजिटिव मिला है। जानकारों का मानना है कि उल्हासनगर में जिस तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है वह चिंता का विषय है और यदि लोगों ने लोकडाउन का सख्ती और ईमानदारी से पालन नहीं किया तो शहर की स्थिति बिगड़ने से बचाना मुश्किल हो सकता है।
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