हर रोज हॉस्पिटल में होता है हजारों गरीबों का इलाज- गोपी वाधवानी
वहीं उल्हासनगर गार्मेंट्स मेन्युफेक्चरिंग असोसिएशन (उगमा) की तरफ से भी उक्त प्रस्ताव का विरोध किया गया है. उल्हासनगर कैम्प 5 स्थित जिंस व गाउन मेन्युफेक्चरिंग करने वालों की संस्था उगमा के अध्यक्ष गोपी वाधवानी ने विरोध जताते हुए बताया कि उल्हासनगर मनपा स्वामी सर्वानंद हॉस्पिटल को कोविड-19 इलाज के लिए इस हॉस्पिटल का इस्तेमाल करना चाहती है, तो हम सभी उल्हासनगर 5 के रहिवासियों के साथ विरोध करते हैं क्योंकि ये एक मात्र ऐसी हॉस्पिटल है जहाँ रोज हजारो गरीबो का इलाज बहुत ही सस्ती दरों में होता है और कई सारी बीमारियों का इलाज होता है. यहां पर रोज तकरीबन 100 डायलेसिस भी किए जाते हैं और कई किस्म के रोज ऑपरेशन किये जाते हैं. अगर यहाँ पर कोविड-19 का हॉस्पिटल के लिए इस्तेमाल किया गया तो इस हॉस्पिटल से जो हजारो लोग इलाज करवाते हैं उन लोगो का क्या होगा जबकि उल्हासनगर 5 में कोई कोरोना का मरीज भी नहीं है जब की सरकार ने हाल ही में ये आदेश निकाला है कि सभी प्राइवेट हॉस्पिटल को सरकार अपने इस्तेमाल के लिए ले सकती है और उल्हासनगर में सभी सुविधा से लैस कई अस्पतालें हैं जिन्हें मनपा कोविड-19 हॉस्पिटल बना सकती है. बहरहाल स्वामी सर्वानंद हॉस्पिटल को कोविड-19 अस्पताल बनाने के मनपा के इस निर्णय से स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है और लोग यही प्रशासन से कह रहे हैं कि अन्य बीमारियों के इलाजे के लिए वे आखिर कहाँ जायेंगे ?
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