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उल्हासनगर में फिर एक इमारत के पिलर फटे, २२ परिवार हुए बेघर


  •   मनपा ने खाली करने का दिया नोटिस 
  • अधिकांश फ्लैट धारक है आर्थिक रूप से कमज़ोर

उल्हासनगर, (संतोष झा)। उल्हासनगर में एक बार फिर एक चार मंजिला इमारत का मुख्य पिलर फटने से उसमें रहने वाले २२ परिवार बेघर हो गए है. इस इमारत में 23 फ्लैट हैं. घटना सोमवार रात की है. मिली जानकारी के अनुसार उल्हासनगर १, हेमराज डेयरी के पास, राम जपो आश्रम के पीछे चार मंजिला सूरज अपार्टमेंट के तल मंजिले में स्थित एक मुख्य पिल्लर अचानक फट गया. इस इमारत के प्रत्येक फ्लोर पर 5 फ्लैट है और तल मंजिल पर तीन फ्लैट हैं। सोमवार 20 अप्रैल की रात करीब पौने ग्यारह बजे इस इमारत के तल मंजिल के पिलर के फटने की आवाज से इमारतवासी व परिसर के लोग डर गए. आनन्-फानन में इमारत में रहने वाले सभी लोग नीचे आ गए. घटना की सुचना मिलते ही मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख, सहायक आयुक्त गणेश शिंपी और अन्य मनपा अधिकारी तथा फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची. आयुक्त देशमुख ने स्थिति का जायजा लिया. इमारत की एक निवासी रेखा कुकरेजा ने मनपा से रिपयेरिंग करवाने की परमिशन मांगी. उन्होंने आयुक्त को बताया कि इमारत की पहले रिपयेरिंग की गई थी अब और बेहतर ढंग से रिपयेरिंग करने की अनुमति दी जाये. इसपर आयुक्त देशमुख ने कहा कि हमें आप लोगों की जान की चिंता है, लॉक डाउन के बाद ही रिपयेरिंग या किसी अन्य बातों पर विचार किया जायेगा. इसलिए आपलोग इमारत खाली कर दें.  उधर मनपा ने इमारत के मुख्य द्वार पर नोटिस चिपका दिया है जिसमें लिखा है कि इमारत धोखादायक है, इसमें रहने वाले सभी लोग जल्द से जल्द इमारत खाली कर दें. इस चार मंजिला इमारत को साधु लालवानी नाम के बिल्डर ने ९० के दशक में बनवाया था. कल रात पिलर में दरार की खबर के बाद सभी २२ परिवार को लोग  इमारत खाली कर नीचे सड़क पर आ गए और रात सड़क पर ही गुजारी. इससे पहले मनपा ने उल्हासनगर १ परिसर में अनिल गुलाब जामुन के पास साईबाबा उपहार नामक धोकादायक इमारत को भी नोटिस देकर इमारत खाली करने की चेतावनी दी है. उस इमारत में भी कई घर व दुकानें हैं.

- २२ परिवारों का मददगार बना थायरा सिंह दरबार

एक बार फिर थायरा सिंह दरबार ने मानवता की मिशाल पेश करते हुए उक्त इमारत के रहिवासियों की मदद में आगे आया है. दरबार के सेवाधारी सोनू विश्नानी ने बताया इस संकट की घड़ी में हम उन सभी परिवारों के साथ हैं और उनके खाने-पीने तथा रहने का प्रबंध दरबार की ओर से करवाया जा रहा है. बता दें कि इन दिनों दरबार की ओर से कोरोना संकट में जरूरतमंदों को हर रोज दो वक्त का भोजन दिया जा रहा है. करीब १५ हजार खाना का पैकेट जरूरतमंदों को दरबार लॉक डाउन जिस दिन से शुरू हुआ उस दिन से निरंतर दिया जा रहा है.

- ११ साल में गिर चुकी है कई इमारत, हुई है ३२ मौतें 

उल्हासनगर में वर्षों से खतरनाक इमारतें लोगों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है. पिछले ११ साल में ३२ इमारतों में से कुछ गिर गई हैं और कुछ खाली कराई गई हैं. इमारत हादसों में ३२ लोग मारे गए हैं और 10 हजार लोग बेघर हुए हैं. उल्हासनगर में ३०० से अधिक इमारतें धोखादायक है. जिनमें दर्जनों ऐसी इमारतें हैं, जो जर्जर अवस्था में पहुंच गई हैं और जिन्हें मनपा ने खाली करने की नोटिस दी है. लेकिन आश्चर्यजनक बात ये है कि इस गंभीर समस्या का आज तक निदान नहीं हो पाया है.
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