न्यूज़ 1 -उमनपा द्वारा शहर में लगे 2 स्वाब कलेक्शन सेंटर
न्यूज़ 2 - सीएचएम कॉलेज में 30 कौवों की संशयास्पद मौत से हरकत में आया प्रशासन
धनुषधारी
उल्हासनगर, उल्हासनगर मनपा द्वारा शहर में कोविड-19 टेस्ट के लिए कोविड विस्क नाम से बने स्वाब कलेक्शन कियोस्क का रविवार को लोकार्पण किया गया. इस अवसर पर महापौर लीलाबाई आशान, उप महापौर भगवान भालेराव, स्थायी समिती के सभापति राजेश वधरिया, मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख तथा कई नगरसेवक और मनपा के अधिकारी उपस्थित थे. एक कियोस्क सेंट्रल अस्पताल में और दूसरा उल्हासनगर ५ में स्थित स्वामी टेउराम धर्मशाला में लगाया गया है. डॉक्टर को उक्त केबिन में सुरक्षित रखते हुये टेस्ट के लिए स्वाब सैम्पल लिए जाएंगे। 43 हजार रुपये की लागत से बने इस कियोस्क के लगने से लोगों को कोरोना की जांच करवाने में आसानी होगी। ऐसी जानकारी उमनपा स्थायी समिती सभापती राजेश वधरिया द्वारा दी गई.
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सीएचएम कॉलेज में 30 कौवों की संशयास्पद मौत से हरकत में आया प्रशासन
पुलिस और सीएचएम कॉलेज द्वारा कौवों कबूतरों की ली गई सुध
उल्हासनगर, उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के सामने स्थित प्रसिद्ध सीएचएम कॉलेज के पेड़ों पर हजारों की तादाद में पंछी, कबुतर और कौवों का निवास होता है. ३ दिन पूर्व सीएचएम कॉलेज के परिसर में पेड़ों पर बसेरा करने वाले दो दर्जन से अधिक कौवों की संशयास्पद मृत्यु की खबर सामने आई थी. इस घटना की जानकारी मिलते ही पशु और पर्यावरण प्रेमियों द्वारा सीएचएम कॉलेज के प्राचार्या मंजु पाठक से सम्पर्क किया गया. घटना से वो भी सदमे में थी. उन्होंने बताया कि वो अंबरनाथ नवरेनगर की रहिवासी हैं, कॉलेज में आना चाहती है परंतु शहर की सीमाएं सील है. एंट्रीपास नहीं है लॉकडाउन के कारण आ नहीं पा रही है. तब उल्हासनगर के सहायक पुलिस आयुक्त विनायक नराले द्वारा अपनी खुद की गाड़ी भेजकर मंजु पाठक को उल्हासनगर लाया गया. पुलिस प्रशासन, सीएचएम कॉलेज का स्टाफ, रजिस्ट्रार अशोक रोहरा और पर्यावरण मित्र हरि चावला द्वारा कौवों कबूतरों के लिये अनाज, बाजरी और पानी आदि की व्यवस्था की गई. साथ ही आगे भी पंछियों को सुरक्षित करने का संकल्प लिया गया. इसके अलावा रेलवे फ्लाइओवर ब्रिज पर भी अनाज और पानी की व्यवस्था की गई. सीएचएम कॉलेज प्रशासन, सुरक्षारक्षकों और स्थानीय निवासियों का कहना यह है कि, लॉकडाउन के दौरान कॉलेज बन्द है, कॉलेज शुरू रहता है, बच्चे खाना खाते हैं और बचा अनाज कौवों को मिल जाता है. ट्रेनें भी बन्द है, दिनभर फ्लाइओवर पर विचरण करने वाले इन हज़ारों कौवों को प्रवासियों द्वारा नमकीन, बुंदी सेव खिलाई जाती है. परंतु ये सब उपलब्ध ना होने के कारण कौवों की मृत्यु हुई होगी ऐसा तर्क है दिया जा रहा है. साथ ही कुछ बच्चों द्वारा गुलेल से कबूतरों का शिकार भी किये जाने की जानकारी सामने आई है जिसमे कौवों को वहीं छोड़कर कबूतरों को खाने में इस्तेमाल करने ले जाये जाने की संभावना भी व्यक्त की गई है.
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