आरोपी पति को मिली जेल
उल्हासनगर। करीब एक हफ्ता पूर्व यानि जनता कर्फ्यू के दिन उल्हासनगर में एक विवाहिता द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया था. लेकिन मृतक के पिता द्वारा संदेह जताने पर स्थानीय पुलिस ने बाद में मृतक के पति को गिरफ्तार कर लिया जबकि सास और ससुर को फरार बताया था जिन्होंने दूसरे दिन ही कल्याण सत्र न्यायायलय से अग्रिम जमानत ले ली. इस बीच आरोपी पति विनय चुग को 27 मार्च तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश थे. शुक्रवार 27 मार्च को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने पर विनय चुग को न्यायालयीन कस्टडी में रखते हुये आधारवाड़ी जेल रवाना किया गया. आपको बता दे कि 22 मार्च की सुबह करीब साढ़े दस बजे उल्हासनगर के कैंप 4, बंगलो एरिया में चुग परिवार की बहू प्रनिका चुग द्वारा ख़ुदकुशी करने की ख़बर सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा पहले आत्महत्या का मामला दर्ज किया गया था. लेकिन मृतक के पिता द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद विठ्ठलवाडी पुलिस स्टेशन द्वारा आरोपी पति विनय चुग (29), ससुर मुकेशलाल चुग (56) व सास रेशमा मुकेश चुग (54) खिलाफ उस दिन देर रात आईपीसी 304 (ब), 498 (अ), 34 के तहत मामला दर्ज कर विवाहिता के पति विनय चुग को विट्ठलवाड़ी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन पुलिस द्वारा सास और ससुर फरार बताये गये थे परंतु उन्होंने दुसरे ही दिन अग्रिम जमानत ले ली.क्या है मामला
उल्हासनगर के कैंप 3 के रहिवाशी अमरलाल वलेच्छा जिनका फर्नीचर बाजार में रीजेंसी हॉल के नीचे प्लायवुड की दुकान है उन्होंने अपनी बड़ी बेटी अलका वलेच्छा (28) का विवाह 3 वर्ष पूर्व उल्हासनगर के कैंप-4 जानकी कुटीर निवासी मुकेशलाल चुग के बेटे विनय चुग से करवाया था. बताया जा रहा है कि मुकेशलाल चुग शहर की नामचीन कंपनी ईगल के पार्टनर हैं. शुरुआत में सब कुछ ठीक था लेकिन जैसे-जैसे समय बीता वैसे वैसे ससुराल में विवाद उपजने लगा. विठ्ठलवाड़ी पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार विवाह के एक महीने बाद जब अलका की छोटी बहन राखी उसे मायके लाने गई तभी सास रेशमा चुग ने उससे कहा कि मेरी बहु अलका को काम-धाम करने के लिए समझाओ। इस बात को राखी ने नॉर्मल लिया और बहन को लेकर कुछ दिनों के लिए मायके आ गयी थी, एक सप्ताह मायके में रहने के बाद अलका वापस अपने ससुराल चली गई. पिता अमरलाल वलेच्छा के अनुसार पति विनय चुग (29), ससुर मुकेश लाल चुग (56) व सास रेशमा मुकेश चुग (54) आये दिन दहेज लाने के लिये उनकी बेटी अलका को मानसीक व शारीरिक प्रताड़ना देते थे. 22 मार्च की सुबह 11 बजे जैसे ही पिता अमरलाल को बेटी अलका द्वारा आत्महत्या करने की खबर मिली वैसे ही वह सपरिवार 10 मिनट में अपनी बेटी के ससुराल पहुंचे. बैडरूम के बेड पर जिंदगी और मौत से जूझती बेटी अलका को बचाने के लिए पिता अमरलाल वलेच्छा उसे तुरन्त समीप के रामरक्षा हॉस्पिटल ले गए जहां डॉक्टरों ने सेंट्रल हॉस्पिटल भेज दिया। जांचोपरांत सेंट्रल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने अलका को मृत घोषित कर दिया।
ख़ुदकुशी पर संदेह
पिता अमरलाल वलेच्छा और चाचा गुलाब वलेच्छा और प्रनिका कि बहन के अनुसार प्रनिका की मौत की ख़बर मिलने के 10 मिनट में ही जब वे लोग अलका उर्फ प्रनिका के घर गये तो बेटी बिस्तर पर पड़ी हुई मिली। गले पर निशान थे, ना ही पंखे पर लटकी हुई थी और ना ही कमरे में खुदकुशी के कोई निशान थे. बिस्तर से पंखे की दूरी भी मात्र 5.5 फीट थी तो 5 फ़ीट की प्रनिका पंखे से कैसे लटक सकती है और पंखा टेढ़ा भी क्यों नहीं हुआ ऐसा तर्क प्रनिका के पिता और चाचा द्वारा दिया गया. अगर ये आत्महत्या है और सास-ससुर निर्दोष हैं तो वो फरार क्यों थे? आगे उन्होंने ये भी कहा कि, इस मामले को दबाने का भरसक प्रयास ईगल कंपनी के लोगो ने किया था, परन्तु डीसीपी प्रमोद शेवाले व एसीपी डी.डी.टेले के आदेश पर विट्ठलवाड़ी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। मृतक अलका चुग के पिता अमर वलेच्छा व चाचा गुलाब वलेच्छा ने चुग परिवार पर आरोप लगाते हुये ये कहा कि, हमारी बेटी को हमने पाल पोस कर बड़ा किया है, हम सभी और उसके मित्र परिवार भी ये नहीं मानते की प्रनिका जैसी लड़की आत्महत्या कर सकती है, उसकी हत्त्या हुई है, इसलिये चुग परिवार के सभी दोषियों को गिरफ्तार कर कठोर सज़ा दी जाए ताकि हमारी बेटी को इंसाफ मिल सके
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